संपादकीय

ब्लॉग
पहलगाम के आतंकी हमले और साम्प्रदायिक राजनीति की मुखालफत के लिए आगे आओ!
22 अप्रैल को दोपहर बाद कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 28 सैलानियों की गोली मारकर हत्या कर दी। शाम तक सोशल मीडिया पर इस दुखद घटना के दिल दहला देने वाले वीडियो चलने लगे। जब सारा देश इस हत्याकांड के शोक में डूबा था, लोग कश्मीर घूमने गये अपनो की खैरियत जानने को बेचैन थे। लेकिन गिद्ध की तरह लाशें गिरने के इन्तजार में बैठे गोदी टीवी चैनलों और भाजपा... आगे पढ़ें
देश-विदेश के इस अंक में
सामाजिक-सांस्कृतिक
दिल्ली से पेरिस तक विनेश का संघर्ष
“माँ के पेट से मरघट तक तेरी कहानी पग–पग प्यारे दंगल–दंगल” दंगल फिल्म की ये लाइनें पहलवान विनेश फोगाट पर एकदम सही बैठती हैं। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलम्पिक में 7 अगस्त 2024... आगे पढ़ें
‘प्रतिरोध की संस्कृति’ पर केन्द्रित ‘कथान्तर’ का विशेषांक
(संस्कृति की विभिन्न धारणाओं से टकराता हुआ) –– महेन्द्र नेह राणा प्रताप के सम्पादन में प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘कथान्तर’ कई मायनों में समकाल की अधिकांश पत्रिकाओं से अपनी अलग पहचान निर्मित... आगे पढ़ें
जीवन और कर्म
जिगर मुरादाबादी : प्रेम के अप्रतिम कवि
जिगर मुरादाबादी कवि–कुल में जन्मे और कविता उन्हें विरासत में मिली। पिता, दादा, परदादा सभी कवि रहे। उनके पूर्वज मौलवी समीअ़ दिल्लीवासी थे और बादशाह शाहजहाँ के शिक्षक भी। किसी बात से बादशाह रूठ गये और उन्हें... आगे पढ़ें
भीष्म साहनी: एक जन–पक्षधर संस्कृतिकर्मी का जीवन
भीष्म साहनी का जन्म गुलाम भारत के रावलपिण्डी शहर में 8 अगस्त 1915 में हुआ था। पिता हरवंशलाल आर्य समाज के मंत्री थे। माँ का नाम लक्ष्मी था। वह बड़ी धार्मिक स्वभाव की महिला थी। भीष्म साहनी अपनी माँ से कहानियाँ और... आगे पढ़ें
राजनीतिक अर्थशास्त्र
बजट–2024 में जनता की जेब पर अभूतपूर्व डाकेजनी
23 जुलाई 2024 को नवनिर्वाचित एनडीए सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने देश का आम बजट पेश किया। यह बजट जन–पक्षधर है या जन–विरोधी, इसे इसी नजरिये से देखने और समझने की जरूरत है, नहीं तो वित्त मंत्री... आगे पढ़ें
राजनीति
डिजिटल कण्टेण्ट निर्माताओं के लिए लाइसेंस राज
–– अपार गुप्ता क्या ध्रुव राठी और रवीश कुमार के यूट्यूब वीडियो 2024 के आम चुनाव में मतदाताओं की प्राथमिकताओं को प्रभावित कर सकते थे? यह सवाल उस केन्द्र सरकार से सम्बन्धित है जिसने दावा किया था कि वह... आगे पढ़ें
भारतीय न्याय संहिता और महाराष्ट्र विशेष सार्वजानिक सुरक्षा विधेयक : पुलिसिया राज की ओर भारत
निसार मैं तिरी गलियों के ऐ वतन कि जहाँ चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले जो कोई चाहने वाला तवाफ को निकले नजर चुरा के चले जिस्म ओ जाँ बचा के चले––– –फैज अहमद फैज 1 जुलाई को भारतीय न्याय... आगे पढ़ें
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की रणनीति
4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए। लम्बी अटकलों के बाद आखिरकार नितीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू के समर्थन से भाजपा–नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबन्धन यानी एनडीए सरकार बनने में सफल रही। बैसाखी के सहारे... आगे पढ़ें
साहित्य
फासीवाद के खतरे : गोरी हिरणी के बहाने एक बहस
–– जयपाल पंजाब के विख्यात साहित्यकार डॉ गुलजार सिंह सन्धू के उपन्यास ‘गोरी हिरणी’ की साहित्य जगत में आजकल काफी चर्चा है। मूल रूप से पंजाबी में लिखा गया यह उपन्यास पहले अंग्रेजी और अब हिन्दी... आगे पढ़ें
कहानी
व्यंग्य
बडे़ कारनामे हैं बाबाओं के
–– प्रमोद झा बाबाई अपकर्म बल्कि यह कहिये कि बाबाओं की वास्निक कारगुजारियाँ समाज और देश में बाबा अपसंस्कृति भी उस कुत्सित राजनीति की मानिन्द है जिसके लपेटे में अब तक अनेकानेक स्त्रियाँ आ चुकी हैं। पहले... आगे पढ़ें
विचार-विमर्श
क्रान्तिकारी विरासत और हमारा समय
(प्रो– लालबहादुर वर्मा की याद में देहरादून में आयोजित व्याख्यान–माला में प्रो– जगमोहन सिंह, अध्यक्ष, जम्हूरी अधिकार संगठन, पंजाब का व्याख्यान) प्रो– लालबहादुर वर्मा ने इतिहासबोध शब्द... आगे पढ़ें